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आपसी प्रेम और सद्भावना को बढ़ाने भोपाल में ईद मिलन कार्यक्रम आयोजित हुआ

20 अप्रैल: जमाअत-ए-इस्लामी हिंद भोपाल ने होटल सिल्वर इन, भोपाल में एक ईद मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन अंतरधार्मिक संवाद को बढ़ाने और समाज के विभिन्न वर्गों को एक साथ लाने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
इस कार्यक्रम ने विविध दर्शकों को आकर्षित किया, जिसमें विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ता, धार्मिक विद्वान, विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी, पत्रकार, नौकरशाह, टेक्नोक्रेट और वकील आदि शामिल हुए । विशेष रूप से इस कार्यक्रम में हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध एवं ब्रह्मकुमारी जैसे विभिन्न धार्मिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति शामिल हुए।
जमाअत-ए-इस्लामी हिंद भोपाल के नगर अध्यक्ष श्री अतहर अहमद और विभिन्न पदाधिकारियों ने कार्यक्रम में पधारे सभी मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत किया एवं ईद की शुभकामनाएं दीं। इसके साथ ही जमाअत की महिला प्रभाग की पदाधिकारियों ने महिला प्रतिभागियों का स्वागत किया।
कार्यक्रम रात 8:00 बजे शुरू हुआ एवं रात 10:30 बजे समाप्त हुआ। कार्यक्रम एवं रात्रिभोज में लगभग 300 उपस्थित मेहमानों ने भाग लिया।
कार्यक्रम के दौरान श्री विपिन जाट (आरक्षक, मध्यप्रदेश पुलिस) को उनके उत्कृष्ट कार्य एवं जनसेवा के प्रति समर्पण के लिए जमाअत के नगर अध्यक्ष द्वारा सम्मानित किया गया। ज्ञात हो कि हाल ही में श्री विपिन जाट जी ने एक राहगीर की सीपीआर देकर जान बचाई थी।
कार्यक्रम में पधारे सभी मेहमानों ने कार्यक्रम की प्रशंसा की एवं ऐसे कार्यक्रमों को वक़्त की अहम् ज़रुरत बताया। सभी ने आपसी प्रेम और सद्भाव को बढ़ाने वाले ऐसे कार्यक्रमों को प्रोत्साहन प्रदान करने की बात कही।
अंत में जमाअत इस्लामी हिन्द मध्यप्रदेश के सहायक अध्यक्ष, श्री सय्यद शाहिद अली साहब ने अध्यक्षीय भाषण प्रस्तुत किया जिसमें उन्होंने पधारे हुए सभी मेहमानों को ईद की शुभकामनाएं प्रस्तुत की एवं रोज़ा, रमज़ान व ईद के मूलभूत मक़सद को समझाया। अंत में नगर अध्यक्ष के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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‘सद्भाव की स्थापना में धर्म गुरुओं की भूमिका’ विषय पर धार्मिक जन मोर्चा द्वारा विचार गोष्ठी आयोजित

भोपाल | मध्यप्रदेश के भोपाल में शुक्रवार को धार्मिक जनमोर्चा का गठन किया गया। इस अवसर पर होटल सिल्वर इन, भोपाल में “सद्भाव की स्थापना में धर्म गुरुओं की भूमिका” विषय पर विचार गोष्ठी आयोजित की गई। विचार गोष्ठी में धर्मगुरुओं ने सामाजिक धार्मिक एकता और साम्प्रदायिक सौहार्द को बढ़ाने पर ज़ोर दिया।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जमाअत इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद सलीम इंजीनियर ने की । प्रोफेसर सलीम इंजीनियर धार्मिक जनमोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक भी हैं। धार्मिक जनमोर्चा भारत में 2001 से कार्य कर रहा है।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए सय्यद अली साहब ने धार्मिक जन मोर्चा के कार्यों और देशभर में मंच के द्वारा किये जा रहे प्रयासों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
प्रो. इंजीनियर मोहम्मद सलीम ने कहा कि धर्म सभी इंसानों को जोड़ता है और धर्म समाज में एकता, शांति और सद्भाव के लिए प्रेरित करता है. कुछ राजनीतिक लोग धर्म का राजनीतिक इस्तेमाल कर के धर्म का बदनाम करते हैं जिनसे बचने की ज़रूरत है।

धार्मिक जनमोर्चा के इस कार्यक्रम में शामिल धर्मगुरुओं में आदिवासी समुदाय से भीम सिंह एवं संजय कुमार खैरवार, ईसाई मत से पास्टर सैमुअल बी फ्रांसिस, फादर ईश्वरदास एवं फादर अल्फ्रेड डिसूज़ा , समाजसेवी इंजीनियर अजय सिंह, गायत्री परिवार से रामचंद्र रैकवार, समाजसेवी अशोक जुनेजा, बोध मत से भंते राहुल जी एवं भीखूनी संघमित्रा, फादर आनंद मुतुंगल, सर्वधर्म सद्भावना मंच के संस्थापक नरेंद्र दीक्षित, गुरुद्वारा आनंदनगर से ज्ञानी गुरविंदर सिंह, गुफ़ा मंदिर के महंत पंडित डॉ आर पी त्रिपाठी, जमाअत इस्लामी हिन्द से डॉ. हामिद बेग, मोहम्मद इम्तियाज़ एवं डॉ. शाहिद अली , ब्रह्मकुमारी लीला बहन एवं ब्रह्मकुमारी राजकुमारी आदि मौजूद रहे।
विभिन्न धर्मों का प्रतिनिधित्व कर रहे धर्मगुरुओं ने कहा कि समाज में प्रेम और भाईचारे की ज़रूरत है और इसके लिए सभी धर्मों के लोगों को मिलकर प्रयास करना होगा।

ब्रह्मकुमारी का प्रतिनिधित्व कर रहीं ब्रह्मकुमारी लीला बहन ने कह – अगर समाज के अंदर नफरत, घृणा होगी तो समाज कमज़ोरर होगा, इसलिए हमें अपने समाज और मुल्क को कमज़ोर नहीं होने देना है.”

ईसाई मत के फादर आनंद मुतुंगल – धर्म प्रेम करना सिखाता है और यही की असल तस्वीर है। धार्मिक होने का मतलब किसी से नफरत करना नहीं है जो ऐसा करे धार्मिक व्यक्ति नहीं।

भोपाल के श्री ज्ञानी गुरविंदर सिंह ने अपनी बात साझा करते हुए कहा – जब तक मन में नियत अच्छी ना हो तब तक आप का भला नहीं हो सकता है. यदि आप किसी के साथ अच्छा करेंगे तो आप के साथ भी अच्छा होगा. उन्होंने कहा कि, “आज समाज में बहुत सी बुराइयां फैली हुई हैं, इन बुराइयों को ख़त्म करने में धार्मिक गुरू की अहम भूमिका होती है. हम लोगों की ज़िम्मेदारी है कि समाज के प्रति जागरूक हों.”

सर्वधर्म सद्भावना मंच के संस्थापक पंडित नरेंद्र दीक्षित जी ने कहा – मानव धर्म ही सर्वोपरि है। धर्म का राजनीती में इस्तेमाल बेहद गलत है। धर्म को राजनीती से अलग करने की ज़रुरत है। मानवता और भारत निर्माण के लिए हमें काम करने की ज़रूरत है और इसके लिए ऐसे मंच की आवयश्यकता है।

बोध धर्म के भंते राहुल – धर्म का इस्तेमाल नफरत फ़ैलाने नहीं होना चाहिए बल्कि सद्भाव के लिए होना चाहिए यही धर्म इस्तेमाल है।

अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रो. सलीम इंजीनियर ने कहा – हमारा ये देश विविधताओं वाला देश है, हमारे देश में दुनिया के अधिकतर धर्म-पंथ पाए जाते हैं और इनके साथ हम सभी वर्षों से यहाँ साथ रहते हैं। हमारी विविधता हमारी कमज़ोरी नहीं है बल्कि शक्ति है। यहाँ जो हम सब साथ बैठे हैं यही भारत की असल तस्वीर है। जिस तरह अलग अलग विचार होने के बावजूद यहाँ एक साथ बैठे हैं वैसे ही हमारे समस्त देशवासियों को भी एक साथ मिलजुलकर रहने की ज़रुरत है। एक ग़लतफ़हमी आजकल बहुत आम हो गई है कि धर्म विवाद का कारण है जबकि ऐसा नहीं है बल्कि धर्म का दुरूपयोग असल विवाद की जड़ है। सामाजिक भेद का असल कारण धर्म का अपने स्वार्थ के लिए दुरूपयोग है। धार्मिक ज़िम्मेदारों के बीच संवाद बेहद ज़रूरी है। यह मंच आपसी संवाद लिए है ताकि हम एक दुसरे का सहयोग करें। हम ऐसे काम करें जिससे समाज में आम सहमति है ऐसे कामों को हम एक साथ मिलजुलकर करें।ऐसा करके हम समाज में पॉजिटिव मैसेज दे सकते हैं। हमारे विचार अलग हो सकते हैं यदि कोई असहमत है तो उसको हम सभी स्वीकार करें लेकिन एक दुसरे के सम्मान में कोई कमी नहीं आना चाहिए। हम चाहते हैं धर्मगुरुओं का मंच मौजूद हो इसलिए हर राज्य में कोशिश की जा रही है।

श्री सय्यद अली ने धार्मिक जन मोर्चा की स्थापना का उद्देश्य भी विस्तार से बताया। कार्यक्रम में शामिल सभी धर्मगुरुओं को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। अंत में इस कार्यक्रम के आयोजक श्री सय्यद अली ने अल्लाह सर्वशक्तिमान और संगोष्ठी के प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया।

जारीकर्ता
धार्मिक जन मोर्चा, मध्यप्रदेश

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ज्ञानवापी मस्जिद के संबंध में भ्रामक अभियान चिंताजनक: जमाअत-ए-इस्लामी हिंद

” इबादतगाह अधिनियम 1991″ का अक्षरश: पालन करने की आवश्यकता

नई दिल्ली, 31 जनवरी: जमाअत-ए-इस्लामी हिंद ने ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चलाए जा रहे भ्रामक अभियान पर चिंता जताई है।

मीडिया को जारी एक बयान में जमाअत के उपाध्यक्ष मलिक मोतसिम खान ने कहा, ”हम कुछ सांप्रदायिक और शरारती लोगों द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद के संबंध में भ्रामक अभियान चलाने से चिंतित हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की रिपोर्ट की गलत व्याख्या की जा रही है और इसे जनता को गुमराह करने, न्यायपालिका को प्रभावित करने और दो धार्मिक समुदायों के बीच दरार पैदा करके देश में सांप्रदायिक सद्भाव को खराब करने के स्पष्ट इरादे से प्रसारित किया जा रहा है।जमाअत-ए-इस्लामी हिंद का मानना है कि एएसआई रिपोर्ट इस विवादास्पद मामले में निर्णायक सबूत नहीं है।”

जमाअत के उपाध्यक्ष ने कहा, “हम “इबादतगाह अधिनियम 1991” का अक्षरशः पालन करने की आवश्यकता पर जोर देना चाहते हैं। अधिनियम सार्वजनिक इबादतगाह के धार्मिक स्वरुप के संरक्षण की गारंटी प्रदान करता है क्योंकि वे 15 अगस्त, 1947 को अस्तित्व में थे। “आस्था” के आधार पर या पहले से मौजूद किसी अन्य धार्मिक संरचना की कथित उपस्थिति के आधार पर अन्य धार्मिक समुदायों से संबंधित इबादतगाहों पर दावा करने से दावों और प्रति-दावों का पिटारा खुलेगा। उदाहरण के लिए, बौद्धों का दावा है कि 84,000 से अधिक बौद्ध विहार, स्तूप और मूर्तियाँ हिंदू राजाओं द्वारा ध्वस्त कर दी गईं थीं। जैनियों का दावा है कि हजारों जैन मंदिरों को हिंदू मंदिरों में बदल दिया गया है और लगभग सभी लोकप्रिय हिंदू तीर्थ स्थान एक समय में जैन मंदिर थे। हिंदुओं के पास देश में 2000 मस्जिदों की सूची है जिनके बारे में उनका दावा है कि इन्हें हिंदू मंदिरों के ऊपर बनाया गया है। क्या इन इबादतगाहों को उनके नए दावेदारों को सौंप दिया जाएगा? इससे अव्यवस्था और अराजकता को बढ़ावा मिलेगा। हमें इतिहास को पलटने की अनुमति नहीं देनी चाहिए और वोट बैंक की राजनीति के लिए भावनात्मक मुद्दों को उठाने में मदद नहीं करनी चाहिए।”

मलिक मोतसिम खान ने कहा, ”राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में भी एएसआई ने मस्जिद के नीचे एक गैर-इस्लामिक संरचना के अस्तित्व का दावा किया था।। हालाँकि, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने प्रमुख पुरातत्वविदों की राय को प्राथमिकता दी, जिन्होंने पहले से मौजूद राम मंदिर को ध्वस्त करके बाबरी मस्जिद के निर्माण की किसी भी संभावना से इनकार किया था। जमाअत ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के विचारों का समर्थन करता है कि ज्ञानवापी मस्जिद पर एएसआई रिपोर्ट की विशेषज्ञों द्वारा पूरी तरह से समीक्षा की जानी चाहिए, और इसके भाग्य का निर्धारण अदालत द्वारा किया जाना चाहिए, न कि पक्षपातपूर्ण मीडिया अभियान द्वारा।”

जमाअत के उपाध्यक्ष ने कहा, “हमें खेद है कि सत्य और न्याय के सिद्धांतों से समझौता करके राज्य संस्थानों को एक विशेष समुदाय का पक्ष लेने के लिए प्रभावित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। हम देश के लोगों से अपील करते हैं कि जब तक न्यायपालिका द्वारा अंतिम फैसला नहीं सुनाया जाता तब तक ज्ञानवापी मस्जिद पर कोई राय न बनाएं। भारत एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक देश है और यह किसी विशेष धर्म या संस्कृति के लोगों को कोई विशेषाधिकार नहीं देता है।”

द्वारा जारी :
के.के. सुहैल
राष्ट्रीय सचिव, मीडिया विभाग, जमात-ए-इस्लामी हिंद, मुख्यालय
मोबाइल: 7290010191
पता: डी-321, अबुल फज़ल एन्क्लेव, जामिया नगर, ओखला,
नई दिल्ली- 110025

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launching Program of Children Islamic Organization

07 Jan,24 – Bhopal: A family picnic was organised by Jamat -E – Islami Hind, Bhopal, Madhya Pradesh in which the Children Islamic Organisation was also launched. The program began with the Quranic recitation by Maulana Umar (Libya).

The launching of CIO began with Tilawat E Qur’an and a Khutbah on Salam done by the young children of the Children Islamic Organisation. The program which was graced by the honorable presence of Muawin Ameer -E- Halqa, Mohtram Dr. Shahid Ali Sahab, Shoura Member Mohtaram Subhan Baig Sahab, CIO Secretary Hina Rab Sahiba and Nazim Sheher Mohtram Athar Baig Sahab. The program consisted of interactive quizzes and games in which an open quiz was conducted based on the Seerat of Rasoolallah Sallallahu Alaihi Wasallam and some interactive games i,e Way to masjid, Cross word puzzles and word games were conducted. A beautiful Tarana based on CIO was presented by CIO circle girls under the able guidance of Mohtarma Najma Sultan Sahiba.The launching was joined by 250 ladies including children and 70 gents to whom breakfast and lunch was also served.

The program was a successful venture which was concluded by Prize distribution to the winners by Nazima Sheher , and And Qayam e Muqam that was boosted the moral of the young minds and encouraged them to engage in such Islamic activities.

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उज्जैन में 12 वर्षीय बच्ची के साथ हुई बर्बरता चिंताजनक – जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द, मध्यप्रदेश

भोपाल, 30 सितम्बर 2023: जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द, मध्यप्रदेश ने उज्जैन में 12 वर्षीय बच्ची के साथ जघन्य बलात्कार एवं बर्बरता की कड़ी निंदा की है। जमाअत की महिला प्रभाग सचिव मोहतरमा तलत ख़ानम फ़लाही ने अपने मीडिया वक्तव्य में कहा कि : इंसान को दरिंदे से अलग करने वाली चीज संवेदनशीलता है। यदि इंसानी समाज से संवेदनशीलता गायब हो जाए तो समाज को बर्बाद होने से कोई नहीं बचा सकता। उज्जैन में बच्ची के साथ हुई बर्बरता चिंताजनक तो है ही परंतु यह भी चिंता जनक है की वारदात के बाद बच्ची कई किलोमीटर तक पैदल चलती रही और लोगों ने उस पर कोई दया नहीं दिखाई इस प्रकार समाज को संवेदनहीनता का वीभत्स उदाहरण दिखाई दिया। घटना के मुजरिम को जहां एक और सख्त सज़ा देने की मांग की जा रही है वहीं दूसरी ओर इस बात पर भी सभी संवेदनशील नागरिकों को ध्यान देने की ज़रूरत है कि समाज को इस दिशा में कैसे शिक्षित किया जाए ताकि अपराध भी रूकें और मज़लूम की मदद हो सके।

इसके साथ जमाअत मांग करती है कि दोषियों को कठोर सज़ा दी जाए, ताकि लोगों का कानून व्यवस्था पर विश्वास बढ़े व समाज में मौजूद आपराधिक और असामाजिक तत्वों को इस तरह के अपराध दोहराने का मौक़ा न मिले।

जारीकर्ता
मीडिया प्रभाग
जमाअत इस्लामी हिन्द, मध्यप्रदेश
मेल- jihmppro@gmail.com
व्हाट्सएप – +91 84508 90275

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जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द, मध्यप्रदेश के नए पॉलिसी प्रोग्राम 2023-27 का तफ़हीमी इजलास मुनक़्क़िद हुआ

भोपाल: 2 व 3 सितम्बर को जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द, मध्यप्रदेश के नए पॉलिसी प्रोग्राम 2023-27 का तफ़हीमी इजलास हलके के दफ़्तर हुदा कॉम्प्लेक्स भोपाल में मुनक़्क़िद हुआ। इस तफ़हीमी प्रोग्राम में पूरे हलके से आए हुए उमरा-ए-मक़ामी, नुज़मा-ए-ज़िला व अज़ला, नाज़िमात मक़ाम व शहर, हलके के सेक्रेटरी व शूरा के अरकान के सामने आइंदा 4 साल का मंसूबा, अहदाफ़ व प्रोग्राम की तफ़हीम की गई।

इजलास के मेहमाने ख़ुसूसी मरकज़ी डायरेक्टर जनाब रिज़वान उर रहमान साहब रहे। इनके अलावा जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द, मध्यप्रदेश के अमीर डॉ. हामिद बेग़ साहब, मुआविन उमरा-ए-हलका, सेक्रेटरी हलका व शूरा के तमाम मेम्बरान ने भी इस इजलास में शिरकत की।

वाज़ेह रहे कि जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द में हर 4 साल में नई मीक़ात का आगाज़ होता है और आइंदा के 4 सालों के लिए जमाअत की पॉलिसी व प्रोग्राम तरतीब दिया जाता है। मौजूदा मीक़ात मई 2023 से अप्रैल 2027 तक रहेगी।

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स्कूल में बच्चे को पिटवाने की घटना शर्मनाक: मर्कज़ी तालीमी बोर्ड

नई दिल्ली, 27 अगस्त। मर्कज़ी तालीमी बोर्ड (एमटीबी) के अध्यक्ष प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के खुब्बापुर में एक स्कूल में बच्चे को पिटवाने की घटना की निंदा की और इसे शर्मनाक बताते हुए अधिकारियों से स्कूल और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। मीडिया को जारी एक बयान में प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने कहा, ”हम उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर स्थित नेहा पब्लिक स्कूल में बच्चे को थप्पड़ मारने की घटना से बेहद चिंतित हैं और इसकी निंदा करते हैं। सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित वीडियो और विश्वसनीय मीडिया रिपोर्टों को देखकर ऐसा लगता है कि कक्षा में में टीचर द्वारा छात्रों से बारी बारी एक मुस्लिम लड़के को पिटवाया जा रहा है। वीडियो से यह भी ज्ञात होता है कि आरोपी द्वारा अन्य मुस्लिम छात्रों के खिलाफ कुछ नफरती टिप्पणियां की जा रहीं हैं और उन्हें भी इसी तरह के सलूक की धमकी दी जा रही है । एक प्रमुख समाचार पोर्टल के अनुसार, लड़के के पिता पर दबाव है कि स्कूल शिक्षक के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज न कराई जाए।”

प्रोफ़ेसर सलीम इंजीनियर ने कहा, “मर्कज़ी तालीमी बोर्ड (एमटीबी) स्कूल और शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करता है। एनसीपीसीआर को जांच शुरू करनी चाहिए और अपने निष्कर्षों को सार्वजनिक करना चाहिए। बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन किया गया है। एनसीपीसीआर को तेज़ गति और निर्णायक रूप से कार्रवाई करनी चाहिए। दुर्भाग्य से, देश में व्याप्त नफरत का माहौल छोटे स्कूली बच्चों को भी इसके प्रकोप से नहीं बचा रहा है। इस्लामोफोबिया स्कूलों और कॉलेज परिसरों में तेजी से फैल रहा है। सरकार इसे एक सामाजिक बुराई प्रमाणित करे और इसके खतरे को खत्म करने के लिए उचित क़ानूनी मसौदा तैयार करके आधिकारिक तौर पर क़दम उठाया जाना चाहिए। पुलिस, एनसीपीसीआर और अदालतों को स्कूल और शिक्षक के खिलाफ मामला चलाकर बाल अधिकारों के इतने गंभीर उल्लंघन का स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।”

‘द्वारा जारी:

सुहैल के के 

राष्ट्रीय सचिव, मीडिया विभाग, मुख्यालय, जमात-ए-इस्लामी हिंद

पता: डी-321, अबुल फज़ल एन्क्लेव, जामिया नगर, ओखला, नई दिल्ली-110025

मोबाइल: 7290010191

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चलती ट्रेन में तीन बेगुनाहों का कत्ल गैर इंसानी और मज़मूम अमल: जमाते इस्लामी हिंद

नई दिल्ली: इंडियन रेलवे प्रोटेक्शन फ़ोर्स(RPF) के एक कांस्टेबल के ज़रिए चलती ट्रेन में मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 3 शहरियों और RPF के एक अफ़सर को गोली मारकर मौत की नींद सुला दिया, इंतेहाई काबिले मज़म्मत अमल है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कत्ल का जो तरीका इख़्तेयार किया गया है इससे अंदाज़ा होता है कि यह नफ़रत पर मब्नी एक घिनोना जुर्म था जिसमें मुल्ज़िम ने मुसलमानों से मुशाबहत रखने वाले मुसाफिरों को अपना शिकार बनाया और गोली मारकर इन्हें खून में नहला दिया। ये बातें नायब अमीर जमाते इस्लामी हिंद जनाब मालिक मोअतसिम खान ने मीडिया को जारी अपने एक बयान में कही। उन्होंने कहा – ऐसा लगता है कि ये मुसलमानों के खिलाफ़ मुनज़्ज़म तशद्दुद् के जो हमले किए जाते हैं इसी सिलसिले की एक कड़ी है। हमारे मुल्क में ये एक नया मामूल बनाया जा रहा है। ताक़त व इकतेदार की जानिब से बुनियाद परस्ती और polarization का जो माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है ये इसी का अफ़सोसनाक नतीजा है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि भयानक जराइम के मुरत्तब अफ़राद को ख़ास तौर पर मुसलमानों के खिलाफ़ नफ़सियाती तौर पर बीमार अफ़राद को इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि एक मख़्सूस कम्युनिटी पर बुनियाद परस्ती के जो इलज़ामात आईद हो रहे हैं उन्हें रोका जा सके। इस वाक़िये से ये सवाल भी पैदा होता है कि ज़हनी तौर पर बीमार तंग मिजाज़ अफ़राद बंदूक से कैसे लैस हैं और इन्हें शहरियों की हिफाज़त की ज़िम्मेदारी कैसे सौंपी गई। हैरानकुन बात ये है कि मुल्ज़िम कत्ल के बाद वज़ीरेआज़म और यूपी के वज़ीरेआला की तारीफ़ करता हुआ देखा गया। जनाब मालिक मोअतसिम खान ने कहा कि मुल्क में अकसरियत पसंदी, तक़्सीम, नफ़रत और polarization की जो पॉलिसी मीडिया, तफरीक़ पैदा करने वाली फिल्मों, लेक्चरों और किताबों के ज़रिए इख़्तेयार की गई ये इसी का नतीजा हो सकता है। हम महसूस करते हैं कि मीडिया की मुसलसल नफ़रत अंगेज़ी इस तरह के वाक़ियात की जड़ है। इसलिए मीडिया को तहम्मुल के साथ अपनी ज़िम्मेदरियाँ निभाना चाहिए। हम RPF से मुतालबा करते है कि वो मुतासरीन के अहलेखाना को मुआवज़ा दें और उनके रिश्तेदारों को मुनासिब रोज़गार फ़राहम कराएं। 

 

जारीकर्दा

के. के. सोहेल

नेशनल सेक्रेटरी, मीडिया

जमाते इस्लामी हिंद

मोबाइल – 72900 10191

पता – 321, अबुल फ़ज़ल इंक्लैव, जामिया नगर, नई दिल्ली – 110025

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محمد عبداللطیف خان صاحب مرحوم کی وفات جماعت اسلامی ہند مدھیہ پردیش کا ایک بڑا خسارہ

سابق امیر حلقہ مدھیہ پردیش محمد عبداللطیف خان صاحب مرحوم آج رات بروز جمعہ بتاریخ 27 جولائی 2023 کو اپنے آبائی وطن اندور میں وفات پا گئے۔

ان کی عمر تقریبا 86 سال تھی۔
اپنی زندگی کا زیادہ تر حصہ تحریک کے لیے وقف کر دینے کے ساتھ موصوف کی شخصیت علمی اور فکری اعتبار سے معروف تھی۔
مرحوم کی ولادت یکم نومبر 1936 میں جونا رسالہ شہر اندور مدھیہ پردیش میں ہوئی۔
آپ سابق امیر حلقہ مولانا انعام الرحمن خان صاحب مرحوم کے خاص ساتھیوں میں سے تھے ۔
تقریباً 1960 میں جماعت کی رکنیت حاصل کی۔
موصوف 1970 تا 2009 رکن مجلس شوریٰ حلقہ مدھیہ پردیش رہے۔ اور 2003 تا 2019 ممبر مجلس نمائندگان رہے۔ اسی کے ساتھ 2006 کے اواخر میں جب سابق امیر حلقہ ظہور الحسن صاحب مرحوم کی وفات ہوئی تو تقریبا چھ ماہ کے لیے قائم مقام امیر حلقہ کی ذمہ داری ادا کی۔
اور پھر 2009 تا 2014 امیر حلقہ مدھیہ پردیش کی اہم ذمہ داری پر فائز رہے۔
مزید دیگر ٹرسٹ اور اداروں کے صدور کی ذمہ داریاں نبھاتے رہے۔ موصوف نے شہر اندور اور حلقہ مدھیہ پردیش میں اپنی محنت اور کوششوں سے بہت سے افراد کو تحریک کے لیے تیار کیا۔
نہایت ہی پرہیزگار اور رقیق القلب شخصیت کے مالک تھے۔
اللہ تعالی ان کی خدمات کو شرف قبولیت بخشے ان کی سئیات سے درگزر فرمائے انہیں جنت الفردوس میں جگہ دے،پسماندگان کو صبر جمیل سے نوازے اور تحریک اسلامی کو ان کا نعم البدل عطا فرمائے۔ 

حامد بیگ

امیر حلقہ جماعت اسلامی ہند مدھیہ پردیش

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महिला उत्थान व्यापारिक मेला का भव्य व सफल समापन

भारत पावर लूम मैदान में गर्ल्स इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया की जबलपुर शाखा ने मुस्लिम महिलाओं और युवा लड़कियों को स्वरोजगार से जोड़ने और अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के उद्देश्य से दो दिवसीय स्वरोजगार मेले का आयोजन का किया ।।इसमें 2 दिनो में हजारो महिलाओं ने व्यापारिक मेले से फ़ायदा उठाया। व्यापारिक मेला खासतौर से रोजगार और व्यवसाय के अवसरों पर केंद्रित था , जिसमें अपने घरों से बिजनेस करने वाली महिलाओं और लड़कियों ने हिस्सा लिया। मेले के दौरान विशेष कार्यशालाएं आयोजित की गई , जिसमें विभिन्न व्यवसायों को शुरू करने पर मार्गदर्शन दीया गया , साथ ही कई उत्पादों के अनेक तरह के स्टाल मौजूद थे और संबंधित व्यवसाय शुरू करने की पूरी जानकारी भी दी गयी ।

इस मेले में खाद्य उत्पादों, क्राफ्ट , डिजिटल मार्केटिंग, गारमेंट, बुरखा, हिजाब खेल-कूद से लेकर ई-ट्यूशन व्यवसायों तक के स्टॉल मौजूद थे । दो दिन का इस रोजगार मेला विशेष रूप से महिलाओं और लड़कियों के लिए है, और सभी व्यवस्थाएं और संचालन महिलाओं द्वारा किया जा गया ।

इस मौके पर इम्तियाज़ साहब ( उपाध्यक्ष जमात-ए-इस्लामी हिन्द मध्यप्रदेश ) ने कहा कि: ये मेला जॉब फेयर रोजगार और व्यवसाय की संभावनाएं तलाश रही महिलाओं और लड़कियों के लिए जानकारी और प्रेरणा का केंद्र साबित होगा। स्टालों और कार्यशालाओं की एक श्रृंखला के माध्यम से, उपस्थित लोगों को अपनी उद्यमशीलता यात्रा शुरू करने के लिए नए रास्ते खोजने का मौका मिलेगा। हर स्टॉल किसी खास उत्पादों या सेवाओं का प्रदर्शन कर रहा है , जो उस विशेष क्षेत्र में व्यवसाय शुरू करने और संचालित करने के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान दे रहा है । मेले में भाग लेने वाली महिलाओं और लड़कियों को खाद्य उत्पादों, हस्तशिल्प, डिजिटल मार्केटिंग और ई-ट्यूशन व्यवसायों सहित विभिन्न क्षेत्रों का पता लगाने का अवसर मिलेगा जिससे मुस्लिम महिलाएं भी सशक्त व समृद्ध हो सकेगी ” ।

 

इस मेले को कामयाब बनाने में ग़ुलाम रसूल साहब , शाहिद अहमद , सलीम साहब , मेहंदी हसन , मुबस्सीरा , शाह फैसल , जुनैद मोमिन , जुहैब हुसैन , वक़ार अहमद , शादान , यासिर अम्मार आदि का योगदान रहा ।।

द्वारा जारी
मीडिया प्रभाग
जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द
जबलपुर (म.प्र.)

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